Monday, 25 November 2013

Mahmood Gaznavi ?

सुल्तान महमूद ग़ज़नवी मध्यकालीन इतिहास का सब से विवादित चरित्र रहा है. इस के मुतल्लिक भी इतिहास अलग अलग है जैसे ज्यादातर मुस्लिम या मुस्लिम इतिहासकर  उसे एक बहुत बड़ा मुसलमान बादशाह और  इस्लाम प्रचाराक मानता है, इसी तरह हिन्दू या हिन्दू इतिहासकर उसे मूर्ति-विध्वंस के रूप मे पेश करता है और हिन्दू विरोधी पेश करने मे कोई कसर नही छोड़ता है.

एक और इतहास है जो अंग्रेज़ो ने अपने काल मे लिखी जो  DIVIDE AND RULE  POLICY  के तहत  हिन्दू और मुसलमानो मे मतभेद पैदा करने के लिये लिखी गयि.कुच तटस्थ इतिहासकर  ने भी महमूद ग़ज़नवी के बारे मे लिखा है.

इस मे कोई शक नही के उस के अधिकतर हमले भारत के बड़े बड़े मंदिरो पे होते थे, जहा के मंदिरो की मूर्तिया तोड और लुट कर चला जाता था और ये भी सत्य है के उस समय मंदिरो मे सब से अधिक धन होते थे महाराजो के खजानो से भी अधिक. इस लिये मन लिया गया के महमूद ग़ज़नवी सिर्फ मंदिरो पे हमला करता था और लुट कर अपार धन संपत्ती ग़ज़नी ले गया. कुछ इतिहासकारो का कहना है के थानेसर और सोमनाथ के मंदिरो मे विशाल मूर्तिया थी उस के अंदर सोना, हीरे जवाहरात भरे थे इस लिये उस ने मूर्तीय तोड़ी. जब के कुछ तटस्थ इतिहासकारो का कहना है के मूर्तिया ठोस थी और वी भी मिट्टी के बने हुए थे और उस पे सोने की कलई कराई गयी थी. इतिहास मे आता है के सुल्तान थानेसर की मूर्तिया अपने साथ ग़ज़नी ले गया और उसे तोड कर घोड़ा दौड़ के मैदान मे फेंक दिया. सोमनाथ के मूर्टीयो के बारे मे इतिहासकार का कहना है के सुल्तान ने उस के दो टुकड़े किये, फिर दो के चार, चार के आठ इस तरह् 32 टुकड़े कर बाहर फेंक दिया और उन पर से अपनी फ़ौज गुजर दी.

ये तो सब को मालूम है के सुल्तान ने भारत पे 17 हमले किये मगर बहुत ही कम किताबो मे बताया गया है के महाराजा जयपाल ने सब से पहले ग़ज़नी पे हमला किया  था उस समय सुल्तान सुबुक्तगीन का हुकूमत था. सुबुक्तगीन ने मारते समय अपने बेटे महमूद ग़ज़नवी को वसीयत की थी भारत के राजो महाराजो की नजर ग़ज़नी पे है इस लिये तुम इन लोगो को चैन से बैठने नही देना, नही तो तुम्हे ये नही छोड़े गे. इस लिये इतिहासकारो का कहना है के महमूद ग़ज़नी भारत पे बार बार हमला कर यहा के राजो महारजो को परेशान करता था और  उस के साथ अकूत धन भी मिलता था.

भारत के प्रसिद्ध इतिहासकर हबीब और निज़ामी ने अपनी पुस्तक मध्य कालीन इतिहास मे महमूद ग़ज़नी के बारे जो लिखा है आप सब के लिये पेश है.
  • महमूद ग़ज़नी अपने बाप सुबुक्तगीन का बेटा नही था और इसे खुद भी शक था जिस से वो बहुत प्रेशान रहता था.
  • महमूद ग़ज़नी एक नौकरानी के पेट से पैदा हुआ था जो सुबकटगीन की पत्नी नही थी.
  • महमूद ग़ज़नी को इस्लाम धर्म से कोई मतलब नही था.
  • महमूद ग़ज़नी भारत लुट मार के लिये आया करता था.
  • महमूद ग़ज़नी को क़्यामत और आखरत पे यक़ीं नही था.
  • महमूद ग़ज़नी ने मारते समय लुटी हुई दौलत को अपने सामने ढेर लगा कर बहुत रोया.
  • महमूद ग़ज़नी भी एक राजा ही जैसा था वो भी शराब और औरतो का परस्टर थं
  • अह्मुद ग़ज़नी सिर्फ हिन्दुओ से ही नही मुसलमानो से भी लड़ा क्यो के उस का मक़सद हुकूमत का विस्तार करना 

इधर अरबी, ईरानी और मुस्लिम इतिहासकारो ने जिस मे अलबेरूनी, फ़रिश्ता,गावेज़ी,अत्‍बी और बेक़हा जैसे इतिहासकारो ने महमूद ग़ज़नी के बारे मे जो लिखा है वो भी आप के लिये पेश है.
  • सुल्तान महमूद एक कट्टर इस्लामी शक्स था.
  • सुल्तान हट का पक्का था जो सोच लेता उसे पूरा करता था और उसे अपना विरोध पसंद नही था.
  • सुल्तान बहुत ही बहादुर और समझदार था , युद्ध की महारत से भरपूर था.
  • युद्ध मे खुद फ़ौजइयो के साथ लड़ता था.
  • महमूद ग़ज़नी इंसाफ के मामले मे सख्त था वो किसी को माफ नही करता था. एक बार उस के बेटे मसूद के खिलफ् किसी केस मे अदालत मे बुलावा आया तो नही गया, महमूद ने सिपाहियो को हुक्म दिया के उसे गिरफ्तार कर के लाया जाये ए इस समय एक मुजरिम है बादशाह का बेटा नही.
  • सुल्तान महमूद इल्म से और आलिमो से बहुत लगव था उस ने ग़ज़नी मे दुनिया के बड़े बड़े आलिमो को बुलाता था और उन्हे इनाम से नवाजता था.
  • महमूद ग़ज़नवी ने भारत मे कभी भी हिन्दुओ को इस्लाम क़ाबुल करने का हुक्म नही दिया.
  • महमूद ग़ज़नवी के फ़ौज मे जो हिन्दू फ़ौजी दस्ते थे उन्हे धार्मिक आजादी थी के वी अपने धर्म का पालन करे.

मैंने विभिन्न इतिहासकारो के महमूद ग़ज़नवी के बारे मे लिखे गये विचार आप के लिये पेश किया ताके महमूद ग़ज़नवी को समझने मे आसनी हो गी मगर सभी इतिहासकर मानते है के महमूद ग़ज़नवी बहुत ही अच्छा यौद्धा और शासक था उस ने अपने 28 साल के शासन मे सैकडो लड़ाइया लड़ी और अपने हुकूमत को विस्तार किया. मध्य कालीन इतिहास की जब भी बात हो गी महमूद ग़ज़नी का जिक्र अवश्य हो गा.

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