अब ये सवाल हर तरफ पूछा जा रहा है के आखिर क्या कारण है के भाजपा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्दर मोदी को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर पेश नही कर रही है. अब तो ये बात किसी से छुपी भी नही है के भाजपा मे दो ग्रुप है. एक ग्रुप खुल कर मोदी का समर्थन कर रही है और द्सरा दबे-छिपे अंदाज मे मोदी का विरोध कर रही है. मोदी के समर्थको का कहना है के मोदी के नाम का एलान करने की कोई जरूरत नही है क्यो के पूरी पार्टी मे मोदी का विरोध और मुक़ाबला करने वाला कोई नही है. मोदी पहले दिन से ही भाजपा का लीडर बन चुका है. आडवाणी ने विरोध किया तो देखा क्या अंजाम हुआ, उन्हे बाद मे खुद झुकना कर मोदी के समर्थन मे आना पड़ा क्यो के आर . एस . एस ने खुले तौर पे कह दिया के वी मोदी के समर्थन मे है. इस के बाद मोदी को कोई चॅलॅंज करने वाला नही रहा.
मोदी के नाम का एलान भाजपा इस लिये भी नही कर रही है के अगर मोदी को पूरे भारत मे सफलता नही मिलती है तो मोदी की छवि खराब हो जाये गी जिस का नुक़सान गुजरात मे हो सकता है और गुजरात भी भाजपा के हाथ से निकल सकता है. सब से मुख्य कारण मोदी के नाम के एलान नही किये जाने का ये है के अगर मोदी को उम्मीदवार बनाया गया तो दूसरी पार्टिया भाजपा को सपोर्ट नही करे गी. अगर 2014 चुनाव मे भाजपा को बहुमत नही मिली और कुछ सीटो के जरूरत पड़ी तो, मोदी क्व करण समर्थन नही मिले गा, अगर मोदी नही रहे तो बहुत पार्टिया समर्थन देने के लिये तैयार हो जाये गी और भाजपा किसी दूसरे को प्रधानमंत्री बना सकति है.भाजपा को इस का भी एहसास है के मोदी को सिर्फ आगे बडाने पर एक प्रमुख्य सहयोगी जनता दल-यू ने उन का साथ छोड़ दिया जिस का नुक़सान भाजपा को हो सकता है, इस तरह और भी सहयोगी उस से अलग हो सकते है जैसे अकाली दल, शिव सेना भी मोदी को पसंद नही करती. कर्नाटक के जनता दल-एस को भी एहसास हो गया के भाजपा को समर्थन करने के करण उसे नुक़सान हुआ है अब वो भी भाजपा से अपना नाता तोड़ने मे मूड मे है.
जैसा के हम सभी जानते है के भाजपा मे दो ग्रुप है, इस लिये भी मोदी के नाम के एलन नही किया जेया रहा है के पार्टी के टूटने का खतरा है क्यो के भाजपा के बहुत से वरिष्ट नेता मोदी के खिलाफ है. भाजपा भी अब मोदी को आगे बडाना नही चाहती क्यो के मोदी किसी की बात नही सुनते और न ही किसी के अधीन काम करना चाहते है. गुजरात मे वी मुख्यमंत्री की तरह नही बादशाह की तरह हुकूमत चलाते है.गुज्रात मे किसी भी विधायक को कोई भी पवर नही है कुछ भी करने से पहले मोदी से पूछना पड़ता है. हम कह सकते है के गुजरात मे मोदी की तानाशाही है. गुजरात तक तो ठीक है लेकिन दूसरे राज्यो मे इन की बात कौन सुने गा.
भाजपा का मोदी के नाम के एलान नही करने का एक और मुख्य करण है के, अभी भारत मे बड़े-छोटे लगभग 8 सर्वे न्यूज़ चॅनेल और पत्र- पत्रिकाओ द्वारा कराये गये है जिस मे मोदी के नाम पर भाजपा को सिर्फ 10-15 सीट का लाभ हो रहा है और बहुमत से बहुत दूर है. सर्वे देख कर भाजपा के होश उड गये है और उन को एहसास हो रहा है के मोदी के नाम का लाभ नही मिलने वाला है बल्के भाजपा को नुक़सान हो रहा है. इस लिये मोदी के नाम का एलान को रोक दिया गया है, बल्के अब प्रधानमंत्री के नाम पर भाजपा का कहना है के हमारे पार्टी मे मोदी क्या बहुत से योग्य उम्मीदवार है जो प्रधानमंत्री बन सकता है इस लिये भाजपा अब प्रधानमंत्री के नाम के एलान चुनाव के बाद ही करेगी.
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