इस्लाम के मानने वाले सभी एक अल्लाह और आखरी पैगम्बर मोहम्मेद सल्ल. को मानते है फिर भी 72 फिरको मे इस्लाम बांट गया है. शिया, सुन्नी, देओबन्दि, बरेली. अहले हदीस, वहाबी और न जाने क्या क्या. अब इन सभी फिरको के उलेमा या धर्मगुरु एक दूसरे को काफ़िर क़रार देते है.इस तरह देखा जाये तो पूरे दुनिया के मुसलमान काफ़िर हो गये. इस्लाम खतरे मे है नारा लगने वाले को कौन बातये के इस्लाम को किसी से खतरा नही है बल्के ए जो फ़िरक़ा है इस से सब से ज्यादा इस्लाम को नुक़सान पहुंच रहा है. हद तो है के भारत के बहुत से मस्जिद मे देओबन्दियो को बरेलीयो के मस्जिद मे जाने पर पाबंदी है. कही कही तो तख्ती भी लगी हुई है. ए देख कर याद आता है जैसे मंदिरो मे शूद्र के जाने की पाबंदी है.
खैर मे आप को बताने जा रहा हु के हमारे उलेमा या धार्मिक गुरु ने ( हर फिरका के) लोगो ने इतिहास मे ऐसे ऐसे मशहूर मुस्लिमो हस्तियो को कुफ़्र का फ़तवा दिया है जिन्हो ने इस्लाम के उत्थान मे महत्पूर्ण रोल रहा है. ए मशहूर हस्तिया हर क्षेत्र धार्मिक, शिक्षा, राजनीति, खेल, आदि के क्षेत्र मे बड़ा नाम किया है.
- सूफी और आलम जुनैद बग़दादी पर कुफ़्र का फतवा लगाया गया
- अल अबू हनीफ़ा को अज्ञानी , नवाचार , कपटी और काफिर करार दिया गया और कैद किया गया
- अल शाफई के खिलाफ फतवा जारी किया गया और जेल में डाल दिया गया
- इमाम अहमद बिन हंबल को काफिर करार देकर 28 माە कैद में डाला गया
- इमाम मलिक पर कुफ़्र का फतवा लगा
- इमाम बुखारी पर कुफ़्र का फतवा लगाया गया .
- प्रसिद्ध सूफी अब्दुल कादिर जिलानी पर कुफ़्र का फतवा लगाया गया .
- इब्न राबी पर कुफ़्र का फतवा लगाया गया और कहा गया कि उनके कुफ़्र पर शक करे भी काफिर है
- प्रसिद्ध सूफी कवि जलालुद्दीन रूमी को काफिर कहा गया
- प्रसिद्ध फारसी कवि जामी को काफिर कहा गया
- मंसूर हलाज को काफिर करार देकर सूली चढ़ा दिया गया .
- मौलाना शिबली नोमानी और मौलाना हमीद उद्दीन के बारे मौलाना अशरफ थानवी ने फतवा जारी किया कि दोनों लोगों काफिर हैं और उनका मदरसा ालासलअह मदरसा अविश्वास और ज़नदीकह है
- अल गज़ाली ने जब अहयाٴलिलोम नामक किताब लिखी तो का फतवा लगाकर उनकी किताबें जला डाला गईं
- अल इब्न Taymiyyah पर मिस्र के 18 मफ़्तयों कुफ़्र का फतवा लगाया
- शाە वली युल्लाह मुहद्दिस देहलवी पर कुफ़्र का फतवा लगाया गया
- सैयद अहमद बरेलवी पर कुफ़्र का फतवा लगाया गया
- शाە इस्माइल पर कुफ़्र का फतवा लगाया गया
- सर सैय्यद अहमद खान के विचारों के कारण आप पर कुफ़्र का फतवा लगाया गया
- मोहम्मद बिन अब्दुल वहाब नजदी पर अविश्वास का फतवा लगाया गया
- मोलामा अबुल कलाम आजाद को मौलाना अनवर कश्मीरी नेगमराە करार देकर उनकी टिप्पणी उल पढ़ने से मना किया
- अल्लामा मोहम्मद इकबाल पर लाहौर के बरेलवी आलम ने अविश्वास का फतवा लगाया
- संस्थापक पाकिस्तान मोहम्मद अली जिन्ना को अहरारी मौलवी मज़हर अली घटना ने " कअफ़्राृम " कहा जबकि कायदे आजम की मौत पर मौलाना मोदोदी ने जनाज़ە में भाग लेने से इनकार किया और जमाते इस्लामी ने कायदे आजम की जयंती मृत्यु को एक " दिवस कृतज्ञता " मनाया और शुकराने के नफिल भुगतान कएٔ
- मौलाना मुदोदि को बेदीन , गुस्ताख़ साथी, नास्तिक , यहूदी करार दिया और उनकी पार्टी को नष्ट इस्लाम से बताया .
- मशहूर विज्ञानिक अब्दुस्सलाम को काफ़िर कहा गया
- भारत के राष्ट्रपति अब्दुल कलम को काफ़िर कहा जाता है.
ये सूची बहुत लम्बी हो सकती है अगर सभी नाम लिखा जाये जिसे मौलनाओ ने काफ़िर होने का फ़तवा दे दिया. हमारे उलेमाओं ने उन सभी मशहूर मुस्लिम हस्तियाओ को काफ़िर बना दिया जिन्हो ने अपने क्षेत्र मे कम किया, जैसे मुसलमानो मे आधुनिक शिक्षा लाने वेल सर सैय्यद अहमद को कुफ़्र का फ़तवा देने के लिये भारत के एक मौलाना माक़्क़ा से उन के खिलाफ फ़तवा ले कर आये. सभी फ़िरक़ा के धर्म गुरुओ और उलेमाओ से अपील है के फ़तवा का खेल छोड़ कर मुसलमानो के शिक्षा, आर्थिक आदि क्षेत्रो के विकास के लिये काम करे.
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