आपको ये मालूम है कि आज़ाद हिन्द फ़ौज के
लिए एक मुस्लिम व्यापारी (अब्दुल हबीब युसूफ
जी) ने अपनी सारी पूँजी (उस समय का १ करोड़,
आज का हज़ार करोड़ रुपिया) नेताजी सुभाष
चन्द्र बोस जी को दे दिया था। आजतक
का किसी भी भारतीय व्यति का सबसे अधिक
व्यक्तिगत पूँजी का दान है ये।
आपको ये भी पता होना चाहिए कि "जय हिन्द'
का नारा भी एक मुस्लिम आजाद हिन्द
फ़ौजी (जर्मनी से डिग्री प्राप्त भारतीय
इंजिनियर) आबिद हसन की देन है।
आज भी देखिये तो बिना हल्ला गुल्ला मचाय अज़ीम
प्रेमजी ने बारह हज़ार तीन सौ करोड़
(12300 करोड़) रूपए समाज के लिए दान कर
दिया है।
विडम्बना ये है कि मोदी और नाथूराम के
अनुयायी भारत की एकता और अखंडता के विरुद्ध
काम कर रहे हैं।
लिए एक मुस्लिम व्यापारी (अब्दुल हबीब युसूफ
जी) ने अपनी सारी पूँजी (उस समय का १ करोड़,
आज का हज़ार करोड़ रुपिया) नेताजी सुभाष
चन्द्र बोस जी को दे दिया था। आजतक
का किसी भी भारतीय व्यति का सबसे अधिक
व्यक्तिगत पूँजी का दान है ये।
आपको ये भी पता होना चाहिए कि "जय हिन्द'
का नारा भी एक मुस्लिम आजाद हिन्द
फ़ौजी (जर्मनी से डिग्री प्राप्त भारतीय
इंजिनियर) आबिद हसन की देन है।
आज भी देखिये तो बिना हल्ला गुल्ला मचाय अज़ीम
प्रेमजी ने बारह हज़ार तीन सौ करोड़
(12300 करोड़) रूपए समाज के लिए दान कर
दिया है।
विडम्बना ये है कि मोदी और नाथूराम के
अनुयायी भारत की एकता और अखंडता के विरुद्ध
काम कर रहे हैं।
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