Thursday, 21 November 2013

hINDUSTAANI KI ASLI KEEMAT /

ए हिन्दुस्तानियो ...

तुम्हारी जान कि औकात दो कोड़ी कि नहीं हैं विदेशी दवा कंपनीया अपनी नै इज़ाद कि हुई दवाओ कि जांच तुम्हारे ऊपर करती हैं वो भी यहाँ के हॉस्पिटल के साथ मिलकर समाज सेवा का ढोंग करते हुए मुफ्त इलाज़ के नाम पर ...अब तक इसमें गत 8 सालो में आधिकारिक रूप से लगभग चार हज़ार लोगो कि मौत हो गई हैं और बारह हज़ार लोग इसके दुष्प्रभाव के शिकार होकर तड़प तड़प कर जीने को मज़बूर हो गए हैं इतना सबकुछ होता हैं वो भी मरीज़ और उसके घर वालो को बगैर बताये

इन विदेशी दवा कंपनीयो ने और हमारे यहाँ भगवान् समझे जाने डॉक्टरो और उनके अस्प्तालों कि मिली भगत ने आम हिन्दुस्तानियो को प्रयोगशाला के चूहे मेंढक बनाकर रख दिया हैं जो वो हमारे ऊपर उनकी दवाए टेस्ट करके देखते हैं क्या इन्हे मरीज़ का, उनके घर वालो के जज्बातो का कोई भी ख्याल नहीं है कुछ ऐसा ही इंदौर में निरंजन लाल के साथ महाराजा यशवंत राव हॉस्पिटल में हुआ ...

अगर कोई लाइलाज़ मर्ज़ हैं और आपके पास दवाओ में और कोई चारा न बचे तो कम से कम मरीज़ और उसके घर वालो को बताकर तो कर सकते हो मगर साधारण स्थिति में दवाओ का परिक्षण मरीज़ कि जान लेने का अपराध हैं और चिकित्सा जैसे पेशे पर विस्वास का क़त्ल ...

पूरी रिपोर्ट कमेंट बॉक्स में दिए लिंक में पढ़े

Admin - 09

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