जब मुगलों के शासनकाल
में मंदिर का पुजारी लड़कियों की आबरू
बेचने का धंधा करता हो मैं एक भारतीय हूं
भारतीय इतिहास पढ़ा है मैंने गीता और
रामायण का पूरी तरह अध्ययन बे?शक न
किया हो लेकिन थोडा थोडा हिंदू धर्म
की मान्यताओं और आधार को भी समझा है
मैंने श्री राम और रावण के बीच युद्ध
का कारण क्या था सीता जी का अपहरण
कर लिया जाना सीता जी की आबरू खतरे
में न पड़े इसलिए राम और रावण के बीच
ऐतिहासिक युद्ध हुआ जिसे आज भी हम भूले
कहा हैं, दशहरे के दिन रावण के पुतले को आग
लगाते हैं और दीपावली के दिन दिए
जलाकर श्री राम की सफलता का जश्न
मनाते हैं यह भारतीय संस्कृति है जो एक
महिला की आबरू की सुरक्षा के लिए युद्ध
से गुरेज नहीं करती महाभारत
की कथा तो पढ़ी होगी तुमने अगर
नहीं तो टीवी सीरियल पर प्रदर्शित
महाभारत में जरूर देखा होगा कि उस युद्ध
का कारण क्या था, यही न कि जुऐ में हार
जाने के बाद
द्रोपदी की साड़ी भरी सभा में उसके
शरीर से खींच ली गई थी।
हा हमारा हिन्दुस्तान महिलाओं की इज्जत
करने वाला देश है और हिंदू
सभ्यता संस्कृति न केवल इस बात
की अनुमति देती है बल्कि तलकीन करती है
कि अपने परिवार की आबरू लिए अपनों के
खिलाफ भी मैदान जंग में उतरने में भी कोई
झिझक नहीं होती मैं आज किसी जंग पर
आमादगी की बात नहीं कर रहा हू, केवल
इतिहास के पन्नों पढ़कर सुना रहा हू। फिर
अगर मैं गुजरात में आबरू रेजी का उल्लेख
करता हू तो इसमें जजबातियत कैसी उल्लेख न
करूं तो हकीकत से आंखें
चुराना या मेरी कमजोरी, कि इस दौर के
हुकमरानों का डर मेरे मन पर हावी है और मैंने
अपने लबों को चुप रहने के लिए मजबूर कर
दिया है नहीं मुझसे
ऐसा नहीं हो सकता यही कारण है कि अपने
कलम के रोक दिए जाने के बाद मुझे
उसकी शक्ति का सही अनुमान हुआ मुझे
बिल्कुल यह अहसास नहीं था कि मेरे कलम
की कारी जर्ब इस्लाम दुशमनों के
दिलोदिमाग को इतना जख्मी कर देती है
कि सभी इस्लाम दुश्मन ताकतें सिमट कर इस
एक कलम को खामोश कर देने पर
आमादा हो जाती हैं निश्चित ही यह
मिनजानिब अल्लाह है ये गैबी मदद है जिसने
मुझे एक बार फिर ‘अजीजुलहिन्द‘ के रूप में अपने
कलम के लिए वह कागज मुहैया कर
दिया कि मैं उन ऐतिहासिक
सच्चाइयों को सभी भारतियों के सामने
रख सकू और पिछले 67 वर्षों में झूठे आरोपों के
जरिये मेरी कौम को जिस हीन
भावना का शिकार बना दिया गया है
उसे इस हीनभावना के दायरे से बाहर
निकाल सकू उन्होंने कोई अपराध
नहीं किया लेकिन बार बार यह एहसास
दिलाकर कि देश का विभाजन
तुम्हारा अपराध है,
सांप्रदायिकता तुम्हारा अपराध है,
आतंकवाद तुम्हारा अपराध है, हजार बार यह
झूठ इस तरह बोला गया और कुछ इस अंदाज में
बोला गया कि हमारे अपने भी यह समझने
लगे कि कहीं न कहीं हमसे भी कुछ
गलतियां हुई हैं भावनाओं की रो में बह कर
हमारे युवाओं से भी कुछ गलती हुई होगी,
नहीं हकीकत यह नहीं है मैं
मुसलमानों का बचाव और हिंदुओं के विरोध
का जहन नहीं रखता हू मैं एक पत्रकार हू
हकीकत को धर्म के चश्मे से देखने के
आदी नहीं हू सच को सच कहने और लिखने
का साहस रखता हू .... from azizulhind ..
में मंदिर का पुजारी लड़कियों की आबरू
बेचने का धंधा करता हो मैं एक भारतीय हूं
भारतीय इतिहास पढ़ा है मैंने गीता और
रामायण का पूरी तरह अध्ययन बे?शक न
किया हो लेकिन थोडा थोडा हिंदू धर्म
की मान्यताओं और आधार को भी समझा है
मैंने श्री राम और रावण के बीच युद्ध
का कारण क्या था सीता जी का अपहरण
कर लिया जाना सीता जी की आबरू खतरे
में न पड़े इसलिए राम और रावण के बीच
ऐतिहासिक युद्ध हुआ जिसे आज भी हम भूले
कहा हैं, दशहरे के दिन रावण के पुतले को आग
लगाते हैं और दीपावली के दिन दिए
जलाकर श्री राम की सफलता का जश्न
मनाते हैं यह भारतीय संस्कृति है जो एक
महिला की आबरू की सुरक्षा के लिए युद्ध
से गुरेज नहीं करती महाभारत
की कथा तो पढ़ी होगी तुमने अगर
नहीं तो टीवी सीरियल पर प्रदर्शित
महाभारत में जरूर देखा होगा कि उस युद्ध
का कारण क्या था, यही न कि जुऐ में हार
जाने के बाद
द्रोपदी की साड़ी भरी सभा में उसके
शरीर से खींच ली गई थी।
हा हमारा हिन्दुस्तान महिलाओं की इज्जत
करने वाला देश है और हिंदू
सभ्यता संस्कृति न केवल इस बात
की अनुमति देती है बल्कि तलकीन करती है
कि अपने परिवार की आबरू लिए अपनों के
खिलाफ भी मैदान जंग में उतरने में भी कोई
झिझक नहीं होती मैं आज किसी जंग पर
आमादगी की बात नहीं कर रहा हू, केवल
इतिहास के पन्नों पढ़कर सुना रहा हू। फिर
अगर मैं गुजरात में आबरू रेजी का उल्लेख
करता हू तो इसमें जजबातियत कैसी उल्लेख न
करूं तो हकीकत से आंखें
चुराना या मेरी कमजोरी, कि इस दौर के
हुकमरानों का डर मेरे मन पर हावी है और मैंने
अपने लबों को चुप रहने के लिए मजबूर कर
दिया है नहीं मुझसे
ऐसा नहीं हो सकता यही कारण है कि अपने
कलम के रोक दिए जाने के बाद मुझे
उसकी शक्ति का सही अनुमान हुआ मुझे
बिल्कुल यह अहसास नहीं था कि मेरे कलम
की कारी जर्ब इस्लाम दुशमनों के
दिलोदिमाग को इतना जख्मी कर देती है
कि सभी इस्लाम दुश्मन ताकतें सिमट कर इस
एक कलम को खामोश कर देने पर
आमादा हो जाती हैं निश्चित ही यह
मिनजानिब अल्लाह है ये गैबी मदद है जिसने
मुझे एक बार फिर ‘अजीजुलहिन्द‘ के रूप में अपने
कलम के लिए वह कागज मुहैया कर
दिया कि मैं उन ऐतिहासिक
सच्चाइयों को सभी भारतियों के सामने
रख सकू और पिछले 67 वर्षों में झूठे आरोपों के
जरिये मेरी कौम को जिस हीन
भावना का शिकार बना दिया गया है
उसे इस हीनभावना के दायरे से बाहर
निकाल सकू उन्होंने कोई अपराध
नहीं किया लेकिन बार बार यह एहसास
दिलाकर कि देश का विभाजन
तुम्हारा अपराध है,
सांप्रदायिकता तुम्हारा अपराध है,
आतंकवाद तुम्हारा अपराध है, हजार बार यह
झूठ इस तरह बोला गया और कुछ इस अंदाज में
बोला गया कि हमारे अपने भी यह समझने
लगे कि कहीं न कहीं हमसे भी कुछ
गलतियां हुई हैं भावनाओं की रो में बह कर
हमारे युवाओं से भी कुछ गलती हुई होगी,
नहीं हकीकत यह नहीं है मैं
मुसलमानों का बचाव और हिंदुओं के विरोध
का जहन नहीं रखता हू मैं एक पत्रकार हू
हकीकत को धर्म के चश्मे से देखने के
आदी नहीं हू सच को सच कहने और लिखने
का साहस रखता हू .... from azizulhind ..
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