यह पिक्चर सैयद फजल-उल- हसन का है जिन्हें सभी
लोग मौलाना हसरत मोहानी के नाम से भी जानते है इन्होने ने ही 'इन्कलाब
जिंदाबाद' का नारा दिया था जिसे आगे चलकर महान क्रांतिकारियों और भारत के
सच्चे सपूत -- भगत सिंह जी,अशफाकुल्लाह खान,चन्द्र शेखर आज़ाद जी सुखदेव जी,और राज गुरु जी ने अपना अपनाया था
(याद रखियेगा इन सभी लोगों ने 'वन्दे मातरम' को नहीं अपनाया था वन्दे मातरम जहां से लिया गया है वह उपन्यास मुस्लिमों के खिलाफ नफरत और ज़हर से भरा पड़ा है और मुस्लिमों को इस देश से निकालने का अवाहन करता है )
बंगाल में एक बार मजदूरों की हड़ताल हो गयी थी तब मौलाना हसरत मोहानी ने कहा था--'इन्कलाब जिंदाबाद
(याद रखियेगा इन सभी लोगों ने 'वन्दे मातरम' को नहीं अपनाया था वन्दे मातरम जहां से लिया गया है वह उपन्यास मुस्लिमों के खिलाफ नफरत और ज़हर से भरा पड़ा है और मुस्लिमों को इस देश से निकालने का अवाहन करता है )
बंगाल में एक बार मजदूरों की हड़ताल हो गयी थी तब मौलाना हसरत मोहानी ने कहा था--'इन्कलाब जिंदाबाद
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